25 September 2016
24 September 2016
23 September 2016
22 September 2016
21 September 2016
संत शिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज का जीवन परिचय ......... जगदीश माली पचपदरा
संत षिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज का जीवन परिचय
राजस्थान की पवित्र धरा शक्ति भक्ति और आस्था का त्रिवेणी संगम है। यहां समय पर ऐसे संत-महात्माओं ने जन्म लिया है जो अपने तपोबल से प्राणीमात्र का कल्याण करने के साथ-साथ दूसरों के लिये प्रेरणा स्त्रोत भी बने। ऐसे ही बिरले सन्तों में से एक थे-स्वनामधन्य संत षिरोमणि श्री लिखमीदासजी महाराज । आपका जन्म नागौर जिला मुख्यालय से नजदीक चैनार गांव में विक्रम संवत 1807 की आशाढ़ मास की प्रभात वेला में माली श्री रामूरामजी सोलंकी के घर हुआ। आप बाल्यकाल से र्इष्वर की भक्ति, पूजा-अर्चना , गुणगान तथा संत समागम में लगे रहते थे। अपनी अनन्य र्इष्वर भक्ति के बल पर ही आपने अपने जीवन काल में बाबा रामदेव के साक्षात दर्षन किये। द्वारकाधीष के अवतार बाबा रामदेव के प्रति आपकी अगाध श्रद्धा एवं भक्ति भावना थी। आप अपने पैतृक कृशि कर्म को करते हुए ही श्री हरि का गुणगान किया करते, रात्रि जागरण में जाया करते तथा साधु-संतो के साथ बैठकर भजन-कीर्तन करते थे। ऐसा कहा जाता है कि महाराज श्री जब भी भजन- कीर्तन के लिए कहीं जाया करते थे तो उनकी अनुपसिथति में भगवान द्वारकाधीष स्वयं आकर उनके स्थान पर फसल की सिंचार्इ (पाणत) किया करते थे।
मनुश्य जीवन को प्राप्त कर 'मानवता नहीं रखी जाय तो मनुश्य जन्म कैसा? महाराज श्री ने जीव मात्र के प्रति दया अपने ह्रदय में धारण कर, मनुश्यों का सदैव हित साधन कर अपना मानव जीवन सार्थक किया। संत षिरोमणि ने सदा निर्विकार भाव से सादगीपूर्ण जीवन जीया। आप मिथ्या अभिमान, निंदा, आत्मष्लाघा, पाप कर्म एवं अनैतिकता से सदा दूर रहे। ऐसे महापुरुश कभी किसी जाति, धर्म या सम्प्रदाय के नहीं होते अपितु सबके होते हैं। षुद्ध सातिवक भाव से कर्तव्य कर्म करते रहना और अन्त में श्री भगवान का गुणगान करते हुए उसी में लीन हो जाना। षायद इसी महामन्त्र को महाराज श्री ने अपने जीवन में अपनाया और अन्त में परमात्मा तत्व में विलीन हो गये। आइये! नमन करें ऐसी दिव्य विभूति को, प्रेरणा लेते हैं ऐसे अनन्य स्वरूप् से-जिन्होंने अपना भौतिक स्वरूप (देह) माली-सैनी समाज में प्राप्त कर इसे गौरवानिवत किया। दान-दया-धर्म-अहिंसा-मानवता की प्रतिमूर्ति बनकर युगों-युगों के लिए हमारी प्रेरणा के स्रोत बन गये। हमें भी महाराज श्री लिखमीदासजी के जीवन-आदेर्षों को अपना कर मनुश्य धन्य करना चाहिए।
लिखमीदास जी महाराज महाराज के समाधि स्थल: र्इष्वर भक्ति कि साक्षात प्रतिमूर्ति महाराज श्री लिखमीदासजी की समाधि नागौर जिला मुख्यालय से 8 किमी दूरी पर सिथत अमरपुरा ग्राम में है। यहां आपके वंष के ही परिवार आज भी पिवास करते हैं। महाराज श्री की समाधि के अतिरिक्त यहां 2-3 अन्य वंषों के संतों की समाधियां भरी हैं। र्इष्वर के अनन्य भक्त श्री लिखमीदासजी महाराज का समाधि स्थल होने के कारण यह स्थल करोडों लोगों की आस्था का केन्द्र है। देष-प्रदेष-विदेष से यहां आने वाले दर्षनार्थियों का सदैव तांता लगा रहता है। माली समाज के अलावा अन्य जाति, धर्म एवं समुदाय के श्रद्वालु भक्त भी यहां आकर कथा-कीर्तन सत्संग भजन रात्रि जागरण आदि का आयोजन भी करते हैं। जिला मुख्यालय नागौर सडक मार्ग से जुडा होने के कारण यहां यातायात के साधनों की कोर्इ कमी नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेषन नागौर ही है। नागौर से बस टैक्सी टैम्पो आदि यात्रियों के लिए सदैव सुलभ हैं। यातायात साधनों की सुलभता से यहां श्रद्वालुओ का आना-जाना बना रहता है किन्तु धार्मिक आयोजनों (कथा-कीर्तन-सत्संग-जागरण के लिए पर्याप्त स्थान एवं सुविधाओं का सर्वथा अभाव है। धर्मप्रेमी यात्रियों के ठहरने धार्मिक सभा-समारोह आदि के आयोजन के लिए भी भवन नहीं है। अत: यहां ठहरने के इच्छुक श्रद्धालुओं को काफी असुविधा का सामना करना पडता है। धार्मिक भावनाओं से जुडे आध्यातिमक स्थल पर स्थायी गृहस्थावास भी समुचित प्रतीत नहीं होता। संत षिरोमणि श्री लिखमीदासजी महाराज ने भä किे जिस चरमोत्कर्श की प्रापित की उस उपलबिध के अनुसार उनका समाधि स्थल तदनुरूप् आकर्शक प्रतीत नहीं होता है। समाधि स्थल के महत्व को बढाने के लिए यह अत्यन्त आवष्यक है कि समाधि स्थल को संत श्री की महिमा के अनुरूप आकर्शक रूप में निर्मित किया जाय। श्रेश्ठ निर्माण तथा पर्यावरण की दृशिट से समाधि स्थल को प्राकृतिक स्वरूप प्रदान करना भी आज की प्रमुख आवष्यकता है। समाधि स्थल ऐतिहासिक स्मारक के रूप में प्रसिद्ध एवं प्रतिशिठत होना चाहिए। संत श्री के स्मृति स्थल को समय की मांग के अनुरूप बनाना हम सबका कर्तव्य है।
19 September 2016
12 September 2016
लव जिहाद: अलीगढ़ से नाबालिग लड़की को अगवा कर बनाया मुसलमान...
यूपी में
लव जिहाद: अलीगढ़ से नाबालिग लड़की को अगवा कर बनाया मुसलमान...
.
बदायूं । अलीगढ़ से अगवा कर लाई गई नाबालिग छात्रा का बदायूं में धर्म परिवर्तन करा दिया गया। इस का पता अलीगढ़ पुलिस के छापा मारने के बाद हुआ।
.
पुलिस ने कुंवरगांव क्षेत्र के गांव बनेई के रहने वाले मुख्य आरोपी के घर दबिश दी, पर वह हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस ने वापस लौटते वक्त सोरों के पास उसे छात्रा समेत गिरफ्तार कर लिया।
.
कुंवरगांव पुलिस के साथ दबिश देने पहुंची अलीगढ़ पुलिस ने बताया कि बनेई का रहने वाला मंजूर अली अलीगढ़ के सिविल लाइंस इलाके में रहकर बेलदारी करता था।
.
करीब तीन महीने पहले उसने कक्षा 12 की नाबालिग छात्रा का अपहरण कर धर्म परिवर्तन करा दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो धरना-प्रदर्शन होने लगे।
.
पुलिस ने पीडि़ता के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश की लेकिन पता नहीं चला। बुधवार को भी अलीगढ़ पुलिस यहां से बैरंग लौटी तो रास्ते में किसी से लोकेशन मिलने पर सोरों के पास से आरोपी मंजूर अली को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा की इच्छा पर उसे परिजनों की सुपुदर्गी में दे दिया।
.
अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाना प्रभारी सुनील वर्मा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ अपहरण और धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
लव जिहाद: अलीगढ़ से नाबालिग लड़की को अगवा कर बनाया मुसलमान...
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बदायूं । अलीगढ़ से अगवा कर लाई गई नाबालिग छात्रा का बदायूं में धर्म परिवर्तन करा दिया गया। इस का पता अलीगढ़ पुलिस के छापा मारने के बाद हुआ।
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पुलिस ने कुंवरगांव क्षेत्र के गांव बनेई के रहने वाले मुख्य आरोपी के घर दबिश दी, पर वह हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस ने वापस लौटते वक्त सोरों के पास उसे छात्रा समेत गिरफ्तार कर लिया।
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कुंवरगांव पुलिस के साथ दबिश देने पहुंची अलीगढ़ पुलिस ने बताया कि बनेई का रहने वाला मंजूर अली अलीगढ़ के सिविल लाइंस इलाके में रहकर बेलदारी करता था।
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करीब तीन महीने पहले उसने कक्षा 12 की नाबालिग छात्रा का अपहरण कर धर्म परिवर्तन करा दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो धरना-प्रदर्शन होने लगे।
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पुलिस ने पीडि़ता के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश की लेकिन पता नहीं चला। बुधवार को भी अलीगढ़ पुलिस यहां से बैरंग लौटी तो रास्ते में किसी से लोकेशन मिलने पर सोरों के पास से आरोपी मंजूर अली को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा की इच्छा पर उसे परिजनों की सुपुदर्गी में दे दिया।
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अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाना प्रभारी सुनील वर्मा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ अपहरण और धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
11 September 2016
9 September 2016
अगर किसी काम के पीछे पड़ जाएंगे तो वो काम होकर रहेगा... *यकीन कीजिए...
बहुत पहले आप ने एक चिड़िया की कहानी सुनी होगी...
जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फंस गया था...
चिड़िया ने पेड़ से बहुत अनुरोध किया उस दाने को दे देने के लिए लेकिन पेड़ उस छोटी सी चिड़िया की बात भला कहां सुनने वाला था...
हार कर चिड़िया बढ़ई के पास गई और उसने उससे अनुरोध किया कि तुम उस पेड़ को काट दो,
क्योंकि वो उसका दाना नहीं दे रहा...
भला एक दाने के लिए बढ़ई पेड़ कहां काटने वाला था...
फिर चिड़िया राजा के पास गई और उसने राजा से कहा कि तुम बढ़ई को सजा दो क्योंकि बढ़ई पेड़ नहीं काट रहा और पेड़ दाना नहीं दे रहा...
राजा ने उस नन्हीं चिड़िया को डांट कर भगा दिया कि कहां एक दाने के लिए वो उस तक पहुंच गई है।
चिड़िया हार नहीं मानने वाली थी...
वो महावत के पास गई कि अगली बार राजा जब हाथी की पीठ पर बैठेगा तो तुम उसे गिरा देना, क्योंकि राजा बढ़ई को सजा नहीं देता...
बढ़ई पेड़ नहीं काटता...
पेड़ उसका दाना नहीं देता...
महावत ने भी चिड़िया को डपट कर भगा दिया...
चिड़िया फिर हाथी के पास गई और उसने अपने अनुरोध को दुहराया कि अगली बार जब महावत तुम्हारी पीठ पर बैठे तो तुम उसे गिरा देना क्योंकि वो राजा को गिराने को तैयार नहीं...
राजा बढ़ई को सजा देने को तैयार नहीं...
बढ़ई पेड़ काटने को तैयार नहीं...
पेड़ दाना देने को राजी नहीं।
हाथी बिगड़ गया...
उसने कहा, ऐ छोटी चिड़िया..
तू इतनी सी बात के लिए मुझे महावत और राजा को गिराने की बात सोच भी कैसे रही है?
चिड़िया आखिर में चींटी के पास गई और वही अनुरोध दोहराकर कहा कि तुम हाथी की सूंढ़ में घुस जाओ...
चींटी ने चिड़िया से कहा,
"चल भाग यहां से...
बड़ी आई हाथी की सूंढ़ में घुसने को बोलने वाली।
अब तक अनुरोध की मुद्रा में रही चिड़िया ने रौद्र रूप धारण कर लिया...
उसने कहा कि "मैं चाहे पेड़, बढ़ई, राजा, महावत, और हाथी का कुछ न बिगाड़ पाऊं...
पर तुझे तो अपनी चोंच में डाल कर खा ही सकती हूँ...
*चींटी डर गई...भाग कर वो हाथी के पास गई...हाथी भागता हुआ महावत के पास पहुंचा...महावत राजा के पास कि हुजूर चिड़िया का काम कर दीजिए नहीं तो मैं आपको गिरा दूंगा....राजा ने फौरन बढ़ई को बुलाया...उससे कहा कि पेड़ काट दो नहीं तो सजा दूंगा...बढ़ई पेड़ के पास पहुंचा...बढ़ई को देखते ही पेड़ बिलबिला उठा कि मुझे मत काटो…मैं चिड़िया को दाना लौटा दूंगा...*
आपको अपनी ताकत को पहचानना होगा...
आपको पहचानना होगा कि भले आप छोटी सी चिड़िया की तरह होंगे, लेकिन ताकत की कड़ियां कहीं न कहीं आपसे होकर गुजरती होंगी... हर सेर को सवा सेर मिल सकता है, बशर्ते आप अपनी लड़ाई से घबराएं नहीं...
आप अगर किसी काम के पीछे पड़ जाएंगे तो वो काम होकर रहेगा... *यकीन कीजिए...हर ताकत के आगे एक और ताकत होती है और अंत में सबसे ताकतवर आप होते हैं...* हिम्मत, लगन और पक्का इरादा ही हमारी ताकत की बुनियाद है..!! 💐💐🙏 बड़े सपनो को पाने वाले हर व्यक्ति को *सफलता* और *असफलता* के कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है
*पहले लोग मजाक उड़ाएंगे*
*फिर लोग साथ छोड़ेंगे*
*फिर विरोध करेंगे*
*फिर वही लोग कहेंगे* हम तो पहले से ही जानते थे की *एक न एक दिन* तुम कुछ बड़ा करोगे!
रख *हौंसला* वो मंज़र भी आयेगा,
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा..!
*थक कर* ना बैठ,
ऐ मंजिल के *मुसाफ़िर*
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा!
*धन्यवाद:! आभार:!! शुक्रिया:!!!*
🙏🌞 *Good Morning* 🌞🙏
🌹🌹 ♻ ♻ ♻ ♻ 🌹
💐 💐 💐 💐
😄"खुश रहिये ........😊😊
😀 सदा मुस्कराते रहो 😊
🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹
Jagdish mali 9461522846
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जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फंस गया था...
चिड़िया ने पेड़ से बहुत अनुरोध किया उस दाने को दे देने के लिए लेकिन पेड़ उस छोटी सी चिड़िया की बात भला कहां सुनने वाला था...
हार कर चिड़िया बढ़ई के पास गई और उसने उससे अनुरोध किया कि तुम उस पेड़ को काट दो,
क्योंकि वो उसका दाना नहीं दे रहा...
भला एक दाने के लिए बढ़ई पेड़ कहां काटने वाला था...
फिर चिड़िया राजा के पास गई और उसने राजा से कहा कि तुम बढ़ई को सजा दो क्योंकि बढ़ई पेड़ नहीं काट रहा और पेड़ दाना नहीं दे रहा...
राजा ने उस नन्हीं चिड़िया को डांट कर भगा दिया कि कहां एक दाने के लिए वो उस तक पहुंच गई है।
चिड़िया हार नहीं मानने वाली थी...
वो महावत के पास गई कि अगली बार राजा जब हाथी की पीठ पर बैठेगा तो तुम उसे गिरा देना, क्योंकि राजा बढ़ई को सजा नहीं देता...
बढ़ई पेड़ नहीं काटता...
पेड़ उसका दाना नहीं देता...
महावत ने भी चिड़िया को डपट कर भगा दिया...
चिड़िया फिर हाथी के पास गई और उसने अपने अनुरोध को दुहराया कि अगली बार जब महावत तुम्हारी पीठ पर बैठे तो तुम उसे गिरा देना क्योंकि वो राजा को गिराने को तैयार नहीं...
राजा बढ़ई को सजा देने को तैयार नहीं...
बढ़ई पेड़ काटने को तैयार नहीं...
पेड़ दाना देने को राजी नहीं।
हाथी बिगड़ गया...
उसने कहा, ऐ छोटी चिड़िया..
तू इतनी सी बात के लिए मुझे महावत और राजा को गिराने की बात सोच भी कैसे रही है?
चिड़िया आखिर में चींटी के पास गई और वही अनुरोध दोहराकर कहा कि तुम हाथी की सूंढ़ में घुस जाओ...
चींटी ने चिड़िया से कहा,
"चल भाग यहां से...
बड़ी आई हाथी की सूंढ़ में घुसने को बोलने वाली।
अब तक अनुरोध की मुद्रा में रही चिड़िया ने रौद्र रूप धारण कर लिया...
उसने कहा कि "मैं चाहे पेड़, बढ़ई, राजा, महावत, और हाथी का कुछ न बिगाड़ पाऊं...
पर तुझे तो अपनी चोंच में डाल कर खा ही सकती हूँ...
*चींटी डर गई...भाग कर वो हाथी के पास गई...हाथी भागता हुआ महावत के पास पहुंचा...महावत राजा के पास कि हुजूर चिड़िया का काम कर दीजिए नहीं तो मैं आपको गिरा दूंगा....राजा ने फौरन बढ़ई को बुलाया...उससे कहा कि पेड़ काट दो नहीं तो सजा दूंगा...बढ़ई पेड़ के पास पहुंचा...बढ़ई को देखते ही पेड़ बिलबिला उठा कि मुझे मत काटो…मैं चिड़िया को दाना लौटा दूंगा...*
आपको अपनी ताकत को पहचानना होगा...
आपको पहचानना होगा कि भले आप छोटी सी चिड़िया की तरह होंगे, लेकिन ताकत की कड़ियां कहीं न कहीं आपसे होकर गुजरती होंगी... हर सेर को सवा सेर मिल सकता है, बशर्ते आप अपनी लड़ाई से घबराएं नहीं...
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*पहले लोग मजाक उड़ाएंगे*
*फिर लोग साथ छोड़ेंगे*
*फिर विरोध करेंगे*
*फिर वही लोग कहेंगे* हम तो पहले से ही जानते थे की *एक न एक दिन* तुम कुछ बड़ा करोगे!
रख *हौंसला* वो मंज़र भी आयेगा,
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा..!
*थक कर* ना बैठ,
ऐ मंजिल के *मुसाफ़िर*
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा!
*धन्यवाद:! आभार:!! शुक्रिया:!!!*
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जिसने भी लिखा है दिल से सलाम......... Mali
🕉🕉 जिसने भी लिखा है दिल से सलाम
भाई जोक्स jokes तो बहुत पढ़ते हो एक बार इसे भी पढो
🇧🇦=दोस्तो कल रात को एक
सपना आया मैंने देखा
कि मेरे मोबाइल में
SMS आया है.......
👉कि भारत सरकार ने 15
लाख रुपये मेरे "जन धन
योजना वाले बैंक खाते मैं
डिपाजिट कर दिए है.
👉 मैं बड़ी ख़ुशी से उछलता
हुआ कमरे से बाहर आया
और
सबको बोला--देखो देखो
अच्छे दिन आ गए..
👉मेरे र अकाउंट में 15
लाख आ गए"
➖घर वाले बोले ज्यादा खुश
न हो हमारे सबके खाते में
भी 15 लाख आये है ये
देखो..
👉कसम से बड़ा दुःख हुआ
मुझे..
👉फिर सोचा चलो दोस्तों को
दिखाता हूँ..
👉दोस्त बोले ज्यादा ना
उछल हमारे खाते में भी 15
लाख हैं..
➖सारी ख़ुशी फिर गायब..
👉फिर सोचा चलो दूकान पर
खूब सामान लेता हूँ..
🔰🔰
🚥भाई साहब ये रामू चाचा
की दूकान क्यों बंद है== 👉एक आदमी बोला--भाई
रामू चाचा ने तो दूकान बंद
कर दी उन्हें अब दूकान
की क्या जरूरत..??
👉उनके खाते में तो 15
लाख आ गएे हैं अब काम
नही करना पड़ेगा उन्हैं..
👉 फिर सोचा चलो शॉपिंग
माल में चलता हूँ..
👉वहां देखा तो सब दुकान
बंद थी उन लोगों को भी
15 लाख मिल गए थे.....
👉सोचा कोई बात नही
होटल में खूब खाना खाता
हूँ, अपनी पसन्द का..
👉अंदर देखा सब लोग जा
चुके थे, सिक्यूरिटी गार्ड
भी नही था मतलब वो भी
अमीर बन गया था उसके
पास भी अब 15 लाख थे
👉बाजार गया तो सब रेहड़ी
वाले चाय वाले
जूस वाले, सब्जी वाले
सब काम छोड़कर बैंक में
जा चुके थे रूपये लेने.. 👉क्योंकि अब किसी को
काम करने की कोई
जरूरत नही थी सबके
पास "15 लाख" रूपये थे.
🔰🔰
🚥शहर से बाहर गया तो सब
फैक्ट्री, बंद सब मजदूरों
को 15 लाख मिल चुके थे. 👉सब नाच गा रहे थे..
----अच्छे दिन आ गए...
----अच्छे दिन आ गए...
👉शाम को खेतो की तरफ
गया तो खेत में कोई नही
था सब किसान खेती
छोड़ कर घर जा चुके थे.. 👉अब उनको धुप बारिश में
काम करने की कोई
जरूरत नही थी,
➖वो भी अमीर बन चुके थे.. 👉हास्पिटल गया, देखा वहां
डॉक्टर ताश खेल रहे थे. =पूछने पर बोले हमे कोई
इलाज़ नही करना अब 15
लाख काफी हैं..
👉जीवन भर के लिए....
🔰🔰
🇧🇦--फिर 5 दिन बाद पता
चला अचानक लोग भूख
से मरने लगे है...
क्योंकि
👉खेत में सब्जी नही उग रही
है..
👉सब राशन की दुकान बंद
है..
👉होटल ढ़ाबे भी बंद पड़े है.
👉लोग बीमारी से मरने लगे
हैं..
क्योंकि
👉डॉक्टर भी नही हैं..
पशु भी भूख से मर रहे है..
खेत से चारा नही मिल रहा.
बच्चे भी भूख से रो रहे है. क्योंकि पशु दूध नही दे रहे.. 👉लोग सड़को पर भागे
फिर रहे है 1-1 लाख
रूपये हाथ में लिए ये लो
भाई 50 हज़ार रूपये
100 ग्राम दूध दे दो.
👉दो दिन से बच्चा भूख से
मर रहा है..
👉फिर 10 दिन बाद लोग
मरने लगे..
👉कुछ जिन्दा लोग सड़कों
पर रुपयों का बेग लिए
घूम रहे है, भाई ये लो ये
लो 5 लाख रूपये हमे
बस 5 किलो गेहूं दे दो..
10 दिन से भूखे हैं..
👉सब बाजार बंद हो चुके है
अनाज नही है किसी के
पास.....
👉सब तरफ मुर्दा लोग दिख
रहे है
👉और मैं भी अपने "15
लाख" रूपये लिए भागा
जा रहा हूँ..
👉 ले लो भाई ले लो ये "15
लाख"
➖बस रोटी का एक टुकड़ा
दे दो..
🔰🔰
=इतने में माँ की आवाज़
आई.........
👉उठ जा कमीने कब से
चारपाई को लात मार रही
हूं..
🚥मां बोली➖मर गया मर
गया की आवाज़ लगा रहा
है,, कोई बुरा सपना देखा
क्या....?
👉मैं बोला--नही माँ बुरा नही
"अच्छे दिनो" का सपना
देखा..
➖उनसे अच्छे तो ये "बुरे
दिन" हैं
👉गरीब सही मगर घर में
==अनाज तो है,,
==पानी है,,
==बच्चे खेल रहे हैं,,
==पशु खेत में चर रहे हैं,,
==दुकानों पर भीड़ है,,
==लोग आ जा रहे हैं,,
🚥चल पड़ा मैं भी अपने
काम पर ये सोचते हुए..
👉काश•••• ये "15 लाख"
कभी भी किसी के खाते
में न आये तो अच्छा है.. 👉वरना फिर काम कौन
करेगा जब सबके पास
"15 लाख" होंगे..
🚥देश को नहीं,
पहले खुद को बदलें.
🙏🏻
8 September 2016
पूज्य गुरुजी, श्री गोलवलकर....... Mali
पूज्य गुरुजी, श्री गोलवलकर,
एक बार प्रवास के समय, किसी दलित वृद्धा की झौंपड़ी में रुके और चाय पीने की इच्छा व्यक्त की।
वृद्धा ने बड़े प्रेम से "काली" चाय बनाई, क्यों कि घर में दूध था नहीं।
बाद में छलनी न होने से अपनी साड़ी के ही मैले #पल्लू से छानकर परोस दी।
साथ वाले लोगों ने कुछ पी कुछ नहीं पी, पर श्री गुरुजी ने स्नेह से मुस्कुराते हुए उसे समाप्त किया।
बाद में उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया, "तुमको उसकी मलीनता दिख गई, पर प्रेम नहीं दिखा!"
ये,
श्री गुरुजी ही थे, जिनकी पहल के कारण #कट्टर नैष्ठिक ब्राह्मण भी दलितों को अपने साथ भोजन कराने लगे।
जब #धर्म संसद ने "हिंदव: सोदरा: सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत्" का प्रस्ताव पारित किया तो वे नाचने लगे!!
सामाजिक समरसता के प्रति वे इतने आग्रही थे कि "अग्नि का स्पर्श न करने वाले सन्यास धर्म के कठोर अनुशासन को" ताक पर रख, झुग्गियों की खाक छानते फिरे।
आज,
कुछ दलित #कठपुतलियां जब "बंच ऑफ़ थॉट्स" का हवाला दे, दलित विरोधी "आलेख" लिखती हैं तो उनकी मानसिक बीमारी की गहराई का पता चलता है!!
नेहरुवादियों ने जिस दलित वोट के बल 70वर्ष राज किया था और "बहनजी" जिनकी छाती पर पैर रख तीस रुपैया मासिक से "तीस हजार करोड़ की स्वामिनी" बन बैठी उस दलित को सच्चे अर्थों में यदि पूर्ण सम्मान और आत्मसम्मान का दर्जा दिया तो वह पूज्य गुरूजी पोषित संघ ही है।
एक परिपक्व अभिभावक की तरह, दलितों की गालियां खाकर भी स्वयंसेवक कभी विचलित नहीं होते।
यह संघ ही है जिसके विभिन्न पदों पर बहुत सारे कथित दलित वर्ग के बन्धु रात दिन मातृभूमि की सेवा साधना में रत हैं। वे कभी "हाय हाय" नहीं करते और "दलित मानसिकता" के घुटन भरे #तिलिस्म से बाहर आ चुके हैं।
जितनी घातक "सवर्ण मानसिकता" है उससे कहीं अधिक घातक "दलित मानसिकता" है, क्यों कि सवर्ण मानसिकता तो राष्ट्र को नुकसान करती है, जबकि "दलित मानसिकता" स्वयं उसे ही हानि पहुँचाती है। वह पल पल #आक्रोश में जीता है, हीन ग्रंथि इतनी प्रबल हो जाती है कि वह किसी सामान्य से ठीक से बात नहीं कर सकता, उसका आत्मविश्वास तबाह हो जाता है, अपने परिवार से कट जाता है, और क्षणिक आवेश में ही गाली गलौज पर उतर जाता है, फिर एक न अंत हो सकने वाले #द्वन्द्व में जीता है।
शायद यह, श्री गुरूजी जैसों को निरन्तर गाली देने और "सेक्युलरों" की चरण वन्दना का अभिशाप हो।
#jagdish pachpadra
Jagdish mali
एक बार प्रवास के समय, किसी दलित वृद्धा की झौंपड़ी में रुके और चाय पीने की इच्छा व्यक्त की।
वृद्धा ने बड़े प्रेम से "काली" चाय बनाई, क्यों कि घर में दूध था नहीं।
बाद में छलनी न होने से अपनी साड़ी के ही मैले #पल्लू से छानकर परोस दी।
साथ वाले लोगों ने कुछ पी कुछ नहीं पी, पर श्री गुरुजी ने स्नेह से मुस्कुराते हुए उसे समाप्त किया।
बाद में उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया, "तुमको उसकी मलीनता दिख गई, पर प्रेम नहीं दिखा!"
ये,
श्री गुरुजी ही थे, जिनकी पहल के कारण #कट्टर नैष्ठिक ब्राह्मण भी दलितों को अपने साथ भोजन कराने लगे।
जब #धर्म संसद ने "हिंदव: सोदरा: सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत्" का प्रस्ताव पारित किया तो वे नाचने लगे!!
सामाजिक समरसता के प्रति वे इतने आग्रही थे कि "अग्नि का स्पर्श न करने वाले सन्यास धर्म के कठोर अनुशासन को" ताक पर रख, झुग्गियों की खाक छानते फिरे।
आज,
कुछ दलित #कठपुतलियां जब "बंच ऑफ़ थॉट्स" का हवाला दे, दलित विरोधी "आलेख" लिखती हैं तो उनकी मानसिक बीमारी की गहराई का पता चलता है!!
नेहरुवादियों ने जिस दलित वोट के बल 70वर्ष राज किया था और "बहनजी" जिनकी छाती पर पैर रख तीस रुपैया मासिक से "तीस हजार करोड़ की स्वामिनी" बन बैठी उस दलित को सच्चे अर्थों में यदि पूर्ण सम्मान और आत्मसम्मान का दर्जा दिया तो वह पूज्य गुरूजी पोषित संघ ही है।
एक परिपक्व अभिभावक की तरह, दलितों की गालियां खाकर भी स्वयंसेवक कभी विचलित नहीं होते।
यह संघ ही है जिसके विभिन्न पदों पर बहुत सारे कथित दलित वर्ग के बन्धु रात दिन मातृभूमि की सेवा साधना में रत हैं। वे कभी "हाय हाय" नहीं करते और "दलित मानसिकता" के घुटन भरे #तिलिस्म से बाहर आ चुके हैं।
जितनी घातक "सवर्ण मानसिकता" है उससे कहीं अधिक घातक "दलित मानसिकता" है, क्यों कि सवर्ण मानसिकता तो राष्ट्र को नुकसान करती है, जबकि "दलित मानसिकता" स्वयं उसे ही हानि पहुँचाती है। वह पल पल #आक्रोश में जीता है, हीन ग्रंथि इतनी प्रबल हो जाती है कि वह किसी सामान्य से ठीक से बात नहीं कर सकता, उसका आत्मविश्वास तबाह हो जाता है, अपने परिवार से कट जाता है, और क्षणिक आवेश में ही गाली गलौज पर उतर जाता है, फिर एक न अंत हो सकने वाले #द्वन्द्व में जीता है।
शायद यह, श्री गुरूजी जैसों को निरन्तर गाली देने और "सेक्युलरों" की चरण वन्दना का अभिशाप हो।
#jagdish pachpadra
Jagdish mali
सच में मुझे भी ऐसी देश सेवा करने का मौका मिला होता तो - ....... माली
मोदी की भतीजी का निधन हो गया ! मोदी जी चीन से वापस आते ही उन्होंने अपने भाई प्रह्लाद मोदी को फोन किया और सारी जानकारी ली ! प्रह्लाद मोदी की ही बेटी थी निकुंज बेन मोदी जिसके सगे चाचा एक ताकतवर देश के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री हो वो निकुंज बेन किराये के घर में रहती थी विश्वास नहीं होता ! निकुंज भोपाल में अपने पति के साथ रहती थी पति एक कम्पूटर की दुकान में रिपेयरिंग का काम करते थे और निकुंज खुद सिलाई बुनाई करके घर के खर्चे में पति का हाथ बाटती थी काफी दिनों से निकुंज बेन ह्रदय रोग से ग्रसित थी और अन्तोगत्वा उनका निधन हो गया दिल पसीज जाता है, भारत देश के इस प्रधान मंत्री को देखकर जिस देश में बिना कागज पुलिस वाला गाड़ी चलाते हुए पकड़ ले तो ये बता के धौंस जमाते है लोग की मेरे पापा के #मामा के लड़की के बहनोई के बेटे है ! विधायक जी उस देश में प्रधानमंत्री की सगी भतीजी किराये के कमरे में रहती है खर्च के लिए सिलाई करती है यकीन नहीं होता की ओ एक प्रधानमंत्री की भतीजी थी !
सच में #गर्व होता है मोदी जी पर
www.Facebook.com/jagdishpachpadra
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सभी प्रदेश वासी ध्यान दें .......... माली
राधे राधे
जय गौ माता जय गोपाला
सभी देशवासियो ध्यान दे
स्वच्छ भारत अभियान मे सरकार का साथ दे
मीत्रो आज पोलीथीन पशु मानव व पर्यावरण के लीये घातक बनता जा रहा है।
हम देनीक जीवन मे पोलीथीन की थेलीयो का उपयोगी कर हम खुद को ही नुकसान बहुचाते है।
हम जहा तहा घर का कुडा कचरा फल व सब्जी के छिलके व बचा खुचा खाधान पोलीथीन मे भर कर बिच चोराहे या जगह जगह गल्ली मोहल्लो मे डाल देते है। वो सभी थेली के साथ ही पशु व गाय निगल जाती है। ओर व पेट मे जाकर जम जाता है। ओर आतो को बाध देने से गाय बिमार होकर अपने प्राण त्याग देती है ।
पोलीथीन ऐक ऐसी चीज है । जो जलाने पर भी उनके अवषेश रह जाते है।
मीत्रो कागज व जुट की थेली को कहे हा ओर पोलीथीन को कहे ना
आप देनीक जीवन मे पोलीथीन थेलीयो का उपयोग बंद कर लाखो गायो को बचा सकते है।
आओ पोलीथीन का विरोध करे
आओ साथ चले
हम सब मीलकर गो सेवा मे भागीदारी निभाये
गौ सेवा ही गोपाल सेवा है ।
गौ रक्षा दल पचपदरा एवं समस्त ग्रामवासी पचपदरा जिला बाड़मेर राजस्थान
आपका अपना गौ माता का लाल
जगदीश माली पचपदरा
मोबाइल नंबर 9461 52 28 46
जय गौ माता जय गोपाला
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हम देनीक जीवन मे पोलीथीन की थेलीयो का उपयोगी कर हम खुद को ही नुकसान बहुचाते है।
हम जहा तहा घर का कुडा कचरा फल व सब्जी के छिलके व बचा खुचा खाधान पोलीथीन मे भर कर बिच चोराहे या जगह जगह गल्ली मोहल्लो मे डाल देते है। वो सभी थेली के साथ ही पशु व गाय निगल जाती है। ओर व पेट मे जाकर जम जाता है। ओर आतो को बाध देने से गाय बिमार होकर अपने प्राण त्याग देती है ।
पोलीथीन ऐक ऐसी चीज है । जो जलाने पर भी उनके अवषेश रह जाते है।
मीत्रो कागज व जुट की थेली को कहे हा ओर पोलीथीन को कहे ना
आप देनीक जीवन मे पोलीथीन थेलीयो का उपयोग बंद कर लाखो गायो को बचा सकते है।
आओ पोलीथीन का विरोध करे
आओ साथ चले
हम सब मीलकर गो सेवा मे भागीदारी निभाये
गौ सेवा ही गोपाल सेवा है ।
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